Wednesday

फिल्म समीक्षा - चॉपस्टिक्स

फिल्म समीक्षा - चॉपस्टिक्स
ऐ दिल है मुश्किल जीना यहाँ ....ज़रा हटके, ज़रा बचके ये है मुंबई मेरी जान ! यह फिल्म मुंबई के तीन अलग –अलग हिस्सों – कार्पोरेट, स्लम, और एक सनकी गैंगस्टर ( विजय राज ) के चारों तरफ घूमती है | इन सबके बीच फँसी हुई है “निरमा” ( मिथिला पालकर ) अपने भोले भाले - मन के साथ | निरमा कार्पोरेट सेक्टर में काम करती है उसकी एक खूबी है कि वह चाइनीज़ भाषा जानती है,लेकिन आत्मविश्वाश की कमी और अपने देसीपन की वजह से वह आगे नहीं आ पाती है| निरमा अपने लिए नई कार खरीदती है और अपने भोलेपन की वजह से पहले ही दिन उसे खो देती है - एक ठग के हाथों ! कार ढूंढने की कोशिशों के बीच वह एक रहस्यमय चोर – “आर्टिस्ट” (अभय देओल ) से मिलती है, आर्टिस्ट निरमा की मदद करता है सिर्फ कार ढूँढने में ही नहीं – बल्कि निरमा के ट्रांसफार्मेशन में भी |
मुंबई शहर सपनों का शहर है ! देश के हर कोनें से हजारों सपने हर रोज़ इस समंदर किनारे बसे शहर में चले आते है – जितने रंग - बिरंगे लोग यहाँ है उतने शायद ही कहीं और हो .....दुनिया का सबसे बड़ा स्लम | मायावी फिल्म इंडस्ट्री | आकाश से बाते करती इमारतों में मंझोले कस्बों और गाँवों से आये लोग – यही एक दिन इस मायानगरी में सितारों से चमकते है, मुंबई है ही ऐसी जो इसे स्वीकारता है यह उसे अपना लेती है |
अभय देओल ने इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया है ! उनके भाव, बॉडी लेंग्वेज कमाल के है एक दो जगह डायलॉग्स समझने में दिक्कत होती है .....शायद यह साउंड रिकार्डिंग की भी कोई तकनीकी कमज़ोरी हो सकती है | निरमा यानि मिथिला पालकर अपने भोलेपन के अभिनय से दिल में उतर जाती है! मंझोले शहरों से आने वाली और अकेली महानगरों में संघर्ष कर रही लड़कियां उनमें अपने आपको पाएंगी | विजय राज एक सनकी गैंग्स्टर के किरदार में काफी जंचें है हर फिल्म के साथ उनकी प्रतिभा अपने परिष्कृत रूप में सामने आ रही है | कलाकारों का उनके किरदारों के लिए चयन सटीक है सभी ने अच्छा अभिनय किया है |
फिल्म के निर्देशक है सचिन यार्डी, लेखन किया है – सचिन यार्डी एवँ राहुल अवाते ( स्क्रीनप्ले ) ने | इस फिल्म में स्क्रीनप्ले और इसके ट्रीटमेंट ने बड़ी भूमिका निभाई है ! क्यूँकि कहानी औसत सी है फिर भी अच्छे निर्देशन - स्क्रीनप्ले और बेहतरीन अभिनय ने इसे लाजवाब बना दिया है |
फिल्म की शुरुवात में वेलकम टू धारावी रैप सॉंग अच्छा है जिसे 7 BantaiZ band ने गाया है | निखिल डिसूजा का गाया और मुकेश परमार का कम्पोज़ किया गीत – दिल उड़ा पतंग सा आपको बस अभी – अभी थमी बारिश के बाद भीगी सड़क पर ले जाएगा जहाँ रुक –रुक कर पत्तों से कुछ बूंदे अभी भी टपक रही है और आप उन्हें देखते रहनें के आलावा कुछ और नहीं सोचना चाहेंगे ....कुछ भी नहीं ! निखिल आपकी आवाज़ अद्भुत है !! एक चमकीले भविष्य के लिए शुभकामनाएँ |

फिल्म में एक ही बात खटकती है – अभिनेत्री का नाम “निरमा” रखना ! नाम को लेकर यह प्रयोग न्यूटन फिल्म से उधार लिया लगता है जो फिल्म की मौलिकता को कम करता है |
निरमा को चॉपस्टिक्स से खाना नहीं आता है .....फिल्म के अंत में वह चॉपस्टिक्स हटा देती है और अपनी झिझक भी | हम सभी के जीवन में भी कोई ना कोई चॉपस्टिक्स है जो परेशान किये रहती है हर समय ......' हटा दीजिये '.... चॉपस्टिक्स आपसे यही कहती है .....फिल्म अच्छी है |
-प्रियंका वाघेला
3\6\2019
#filmreview #CHOPSTICKS Chopsticks Netflix Movie - 2019Netflix #mithilapalkar #sachinyardi Nikhil Abhay Deol #vijayraj #ParaggMehta #फिल्मसमीक्षा

No comments:

Post a Comment