Wednesday

फिल्म समीक्षा – India's Most Wanted

फिल्म समीक्षा – India's Most Wanted “चमत्कारिक रूप से बुरी फिल्म”
यह फिल्म सत्य घटना पर आधारित है – इंटेलिजेंस और पुलिस के कुछ लोग भारत में हो रहे सीरियल बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड को पकड़ने नेपाल जाते है बिना किसी सरकारी सुविधा के | हथियार, स्थानीय पुलिस की मदद, पैसा कुछ भी नहीं ! साथ है तो केवल अपने देश के लिए कुछ कर गुजरनें का जज़्बा | कहानी अच्छी थी सत्य घटना पर आधारित होने की वजह से बेहतरीन काम हो सकता था ......लेकिन कुछ समय से बॉलीवुड में बनने वाली फिल्मों और उनमें किये जाने वाले अभिनय को देखकर लगने लगा है कि ये - पब्लिक को कुछ सोचनें समझने लायक समझते भी है या नही ? दस में से एक आध फिल्म ही स्तरीय, मनोरंजक और सिनेमाघरों में आने लायक होती है बाकी तो लगता है पॉपकॉर्न बेचनें वालों के लिए सिनेमाघर में लगाई जाती है ....अब इतनी मंहगी टिकटें लेकर आधे बीच से उठकर आया भी नहीं जाता और बैठा भी नहीं जाता |
डायरेक्टर राज कुमार गुप्ता नें बहुत ही रोचक विषय को कमाल की जड़ता से रचा है ! ये उनके काम में स्वतः ही आ गयी या अर्जुन कपूर से उनमें स्थानांतरित हुई कहना मुश्किल है !! फिल्म में पार्श्व धुनों से कई बार ऐसा माहौल बनता भी है कि अब कुछ रोमांचक घटित होगा .....लेकिन निराशा ही हाथ लगती है, अर्जुन कपूर इस फिल्म में फेविकोल के मजबूत जोड़ के साथ आये थे फिर चाहे वो बॉडी लेंग्वेज हो या अभिनय सबकुछ जड़ व अभिव्यक्तिशून्य था | फिल्म की एक और बड़ी कमज़ोरी – मोस्टवांटेड ( घोस्ट ) अपराधी यूसुफ़ के, बीच – बीच में कुछ डॉयलाग्स सुनाये और केवल आँखें दिखाई और जब आखिर में वह सामने आया तो ठीक से अपना बचाव भी नहीं कर पा रहा था ! जैसे अर्जुन कपूर की सुविधा के लिए ही वह ना तो कही भागा ना ठीक से लड़ा, आखिर में दोनों ने एक – एक लाइनें बोली – दोनों के किरदार अपनी –अपनी जगह नकारात्मकता और सकारात्मकता के शीर्ष पे थे लेकिन उनके संवाद से लगा दोनों ही रेस में दौड़ना ही नहीं चाहते थे जैसे जबरन खड़ा कर दिया हो किसी (राज कुमार गुप्ता ) ने | जिस ISI ने अपनें आतंक से पूरी दुनिया को हलाकान कर रक्खा है उन्हें इतना कमज़ोर पहली बार किसी फिल्म में देखा, ब्लास्ट की घटनाओं को उसकी विभीषिका दिखाने की बजाय आतंकी युसूफ की निगाहों पर ही खत्म कर दिया गया !! द्रश्य में गढ़े गये भाव कुनकुने ही रह जाते है, अंत देखकर लगता है इतने प्यारे आतंकी को तो लेने जाने की भी जरूरत नहीं थी “कुरियर” वाला ही छोड़ जाता | एडिटिंग काफी कमज़ोर है एवँ फिल्म के गीत और बोलो नें भी बुरी तरह निराश किया !! अमित त्रिवेदी यह आपका काम नहीं लगता !! फिल्म के सहायक कलाकारों- राजेश शर्मा एवँ अन्य ने अच्छा अभिनय किया है ! अच्छी कहानी और उपलब्ध तमाम संसाधनों का दुरूपयोग है यह फिल्म |

प्रियंका वाघेला
27 \5 \2019
फिल्म समीक्षा – Indias Most Wanted “चमत्कारिक रूप से बुरी फिल्म”
डायरेक्टर – राज कुमार गुप्ता
अभिनय – अर्जुन कपूर, राजेश शर्मा, देवेन्द्र मिश्रा, आसिफ़ खान .
#filmreview #फिल्मसमीक्षा#IndiasMostWantedIndia's Most Wanted

No comments:

Post a Comment