Wednesday

The last trip to the seaside

कांस फिल्म महोत्सव 2019 ( क्रिटिक्स वीक )
में प्रदर्शित शॉर्ट फिल्म
फिल्म समीक्षा
The last trip to the seaside, Director – Adi Voicu, द लास्ट ट्रिप टू द सीसाइड,
एक ट्रेन जो रोमानिया के बचे कम्युनिस्ट अवशेषों की धूल उड़ते भाग रही है | ट्रेन के एक कूपे में छह यात्री, एक जोड़ा जिसमें स्त्री के हाथ में मेट्रोमार्क्सिज्म किताब है और वे गंभीर चर्चा करते हुए ट्रेन के बाहर जलते खेत की तस्वीर ले रहे है ! दो बूढ़ी पुरातन औरतें अपनी – अपनी बिमारियों की चर्चा में | एक व्यक्ति खिड़की का काँच खोलना चाहता है यह व्यक्ति टर्किश है और ट्रेन के बाकि मुसाफिरों के बीच एक मुस्लिम विदेशी !
उनके बीच कुछ घटनाएँ घटती है संदेहवश कुछ यात्री अपना संयम खो देते है ! जिससे बाकी की यात्रा निराशाजनक रूप से ख़राब हो जाती है |
इस व्यक्ति पर उठे संदेह से पूरा माहौल बदल जाता है,कूपे में बैठे लोग भाग जाते है ......फिल्म हमारे दिलो – दिमाग़ पर छाये इस्लामिक फोबिया की बात करती है –कि कैसे आतंकी घटनाओं ने हमें पूर्वाग्रहों से ग्रसित कर दिया है | आज हम किसी के बारे में ठीक से जाने बगैर ही उसकी भाषा और धर्म से अपनी राय कायम कर लेते है ! हम खुद केवल अपने बारे में ही सोचते है और दूसरों की तकलीफ के प्रति अमानवीय ढंग से निष्ठुर हो जाते है !!
बहोत ही साधारण घटनाओं और बात – चीत से डायरेक्टर ने कुछ मिनटों में इतने नाजुक विषय को बेहतरीन तरीके से बुना है की – इंसान उसकी मानसिकता, भय, स्वार्थ, नफरत सबकुछ सामने आ जाता है ! पूरी फिल्म में सबसे सह्रदय,मददगार और सभ्य वहरोमानिया में आया हुआ टर्किश मुस्लिम व्यक्ति ही निकलता है | मैं फिल्म की कहानी को विस्तार से नहीं लिखना चाहती हूँ , पर यह फिल्म लाज़वाब है, जब भी मौक़ा मिले ज़रूर देखिये |
प्रियंका वाघेला 25/05/2019
Semaine de la Critique - Cannes Cannes Film Festival #फिल्मसमीक्षा #filmreview

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